विभागीय परिचय
लोक निर्माण द्वारा प्रदेश में सड़कों एवं पुलों का निर्माण, सुधार एवं सुदृढ़ीकरण तथा रख-रखाव का कार्य सम्पादित कराया जाता है। राज्य सरकार के कतिपय विभागों के अन्तर्गत भवनों के निर्माण तथा उनके अनुरक्षण का दायित्व भी इसी विभाग के ऊपर है। यह विभाग उत्तर प्रदेश से गुज़रने वाले ऐसे राष्ट्रीय मार्गों जो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अन्तर्गत नहीं है, के रख-रखाव का कार्य भी करता है जिसके लिये भारत सरकार द्वारा धनराशि की व्यवस्था की जाती है। लो0नि0वि0 द्वारा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों पर निगरानी रखने एवं उच्च गुणवत्ता स्तर का कार्य सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश में कुल 12 क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं को सौंपा गया है।
यह प्रदेश भौगोलिक तथा जनसंख्या के दृष्टिकोण से देश का सर्वाधिक बड़ा राज्य है। प्रदेश के औद्योगिक, आर्थिक तथा प्रदेशवासियों के सामाजिक विकास के लिये प्रत्येक गाँव तथा आबादी का मुख्य मार्ग से जुड़ना नितान्त आवश्यक है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मार्गों, राज्य मार्ग तथा जिला मार्गों का चौड़ीकरण तथा उनका उचित गुणवत्ता से सुधार कराया जाना आवागमन के दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलों में सम्पर्क मार्ग का निर्माण तथा सुधार, अन्य जिला मार्ग, मुख्य जिला मार्ग तथा राज्य मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुधार, ग्रामीण अंचलों में पुलों का निर्माण तथा मुख्य मार्गों पर संकरे तथा जर्जर पुलों के पुनर्निमाण कार्य प्राथमिकता के आधार पर सम्पादित कराये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत ग्रामीण अंचलों में सम्पर्क मार्गों निर्माण तथा पूर्व निर्मित ग्रामीण एवं अन्य जिला मार्गों के सुदृढ़ीकरण के कार्य वृहद् पैमाने पर सम्पादित कराये जा रहे हैं।
विभिन्न योजनाओं के सफल संचालन हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न जनपदों में अधीक्षण अभियन्ताओं तथा मण्डलों में मुख्य अभियन्ताओं के कार्यालय स्थापित हैं। इनके द्वारा कार्यों के नियोजन, सम्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण आदि के सम्बन्ध में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुये कार्यों पर प्रभावी पर्यवेक्षण किया जाता है। इसके लिये विभाग में क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं के कार्यालय तथा प्रभारी मुख्य अभियन्ताओं के पद निम्नवत् सृजित हैं:-
क्र0सं0 | क्षेत्र का नाम | क्षेत्रीय कार्यालय का मुख्यालय | क्षेत्र के अन्तर्गत मण्डल |
1. |
पश्चिमी |
मेरठ |
मेरठ, सहारनपुर |
2. |
उत्तर पश्चिमी |
बरेली |
बरेली |
3. |
आगरा |
आगरा |
आगरा, अलीगढ़ |
4. |
मध्य |
लखनऊ |
लखनऊ |
5. |
दक्षिण मध्य |
कानपुर |
कानपुर |
6. |
फै़ज़ाबाद |
फैजाबाद |
फ़ैज़ाबाद, देवीपाटन |
7. |
झाँसी |
झाँसी |
झाँसी, चित्रकूधाम |
8. |
पूर्वी |
वाराणसी |
वाराणसी, विन्ध्याचल |
9. |
गोरखपुर |
गोरखपुर |
गोरखपुर, बस्ती |
10. |
आज़मगढ़ |
आज़मगढ़ |
आज़मगढ़ |
11. |
मुरादाबाद |
मुरादाबाद |
मुरादाबाद |
12. |
इलाहाबाद |
इलाहाबाद |
इलाहाबाद |
13. |
राष्ट्रीय मार्ग |
लखनऊ |
समस्त मण्डल |
14. |
वाह्य सहायतित परियोजना |
लखनऊ |
समस्त मण्डल |
15. |
प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना |
लखनऊ, इलाहाबाद, मेरठ |
समस्त मण्डल |
16. |
सेतु |
लखनऊ |
उ0प्र0 लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत सेतु के निर्माण हेतु |
17. |
इण्डो नेपाल बॉर्डर |
लखनऊ |
लखनऊ, बरेली, फ़ैज़ाबाद, देवीपाटन, बस्ती एवं गोरखपुर |
18. |
भवन |
लखनऊ |
समस्त मण्डल |
उ0प्र0 लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत कार्यरत् निगम एवं प्राधिकरण:-
प्रदेश के सेतु निर्माण, भवनों के निर्माण तथा पी0पी0पी0 पद्धति पर मार्ग के सुधार एवं अनुश्रवण आदि के लिये निम्नवत् निगमों एवं प्राधिकरण की स्थापना की गयी है:-
उ0प्र0 राज्य सेतु निगम:-
प्रदेश के पुलों के निर्माण में तीव्रता लाने के लिये 1973 में इस निगम की स्थापना की गयी थी। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 60 मीटर से अधिक दर (स्पान) के सेतुओं का निर्माण सेतु निगम द्वारा किया जाता है। और पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम लि0:-
भवन कार्यों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग व निर्माण कार्य में तीव्रता लाने के लिये 1975 में इस निगम की स्थापना की गयी थी। वित्तीय वर्ष 2015-16 में राजकीय निर्माण निगम का लक्ष्य रू. 4200.00 करोड़ है ।और पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
उ0प्र0 राज्य राजमार्ग प्राधिकरण:-
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2004-05 में प्रदेश के राज्य मार्गों के निजी सहयोग से विकास के लिये इस प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य निजी सहभागिता के आधार पर बी0ओ0टी0/ पी0पी0पी0 पद्यति पर मार्गों एवं सेतुओं का विकास करना है। वर्तमान में 03 राजमार्गों पर निजी विकासकर्ताओं के साथ अनुबन्ध गठित कर कार्य कराया जा रहा है तथा 01 राज्य राजमार्ग की आर0एफ0पी0 दिनांक 15.01.2015 को आमंत्रित की गयी है। इसके अतिरिक्त 14 महत्वपूर्ण राज्य राजमार्गों/प्रमुख/अन्य जिला मार्गों के सार्वजनिक-निजी-सहभागिता से उच्चीकरण/अनुरक्षण हेतु फ़ीज़िबिलिटी अध्ययन कराये जाने के लिये परामर्शी चयन की कार्यवाही की जा रही है। और पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रशासन
लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में सड़कों, भवनों एवं पुल का निर्माण, सुधार एवं सुदृढ़ीकरण तथा रख-रखाव का कार्य सम्पादित कराया जाता है। लोक निर्माण विभाग के कार्यकलापों के संचालन हेतु प्रदेश स्तर पर प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष का कार्यालय स्थापित हैं, जिसके कार्य क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न स्तरों पर निम्नानुसार पद स्थापित है:-
- प्रमुख अभियन्ता: प्रमुख अभियन्ता (विकास एवं विभागाध्यक्ष)/(परिकल्प एवं नियोजन)/(ग्रामीण सड़क)
- मुख्य अभियन्ता(स्तर-1): मुख्य अभियन्ता स्तर-1 के तीन पद
- मुख्य अभियन्ता(स्तर-2): मुख्य अभियन्ता स्तर-2 (राष्ट्रीय मार्ग)/सेतु/(मु0-1)/(मु0-2)/इण्डो-नेपाल बार्डर/ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/(12 क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता)/परिवाद/(विद्युत/यांत्रिक) एवं मुख्य अभियन्ता स्तर-2 के समकक्ष मुख्य वास्तुविद।
विभाग की इकाई खण्ड है। प्रत्येक जिले में सामान्यतः 1 से 4 तक खण्ड स्थापित है। खण्डों की संख्या, कार्यो की प्रकृति एवं परिमाण पर निर्भर होती है। लो0नि0वि0 संगठन की संरचना परिशिष्ट-अ,ब,स, व द में दर्शायी गयी।
गत तीन वर्षों में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत खण्डों एवं वृत्तों की स्थिति निम्न प्रकार है:-
खण्डों एवं वृत्तों के प्रकार | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 |
| खण्ड | वृत्त | खण्ड | वृत्त | खण्ड | वृत्त |
अधिशासी |
|
|
|
|
|
|
मैदानी क्षेत्र के मार्ग तथा/अनुरक्षण |
168 |
33 |
168 |
32 |
173 |
35 |
राष्ट्रीय मार्ग |
19 |
3 |
19 |
4 |
17 |
4 |
विश्व बैंक/विद्युत/यांत्रिक/ पी0एम0जी0एस0वाई0 /इण्डो-नेपाल बार्डर |
102 |
17 |
102 |
17 |
81 |
22 |
योग:- |
289 |
53 |
289 |
53 |
271 |
61 |
खण्डों एवं वृत्तों के प्रकार | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 |
| खण्ड | वृत्त | खण्ड | वृत्त | खण्ड | वृत्त |
अनाधिशासी |
|
|
|
|
|
|
सर्वेक्षण, नियोजन, परियोजना, सेतु यातायात, राष्ट्रीय मार्ग |
19 |
05 |
19 |
05 |
21 |
04 |
अन्वेषण, विश्व बैंक कार्य, तकनीकी प्रकोष्ठ,आई0डी0एस0, समग्र, कम्प्यूटर, वि0/या0, पी0एम0जी0एस0वाई0, वाद |
02 |
02 |
02 |
02 |
21 |
6 |
योग: |
21 |
7 |
21 |
7 |
42 |
10
|